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'''Rajiv Dixit''' (1967—2010) was an ]n ], conspiracy theorist and public speaker.<ref name=":0">{{Cite web|url=https://hindi.firstpost.com/india/lies-of-rajiv-dixit-on-rajiv-dixit-birth-and-death-anniversary-here-take-a-look-on-his-claims-on-qualification-tk-70189.html|title=राजीव दीक्षित (पार्ट 1): जिनकी डिग्रियां खुद उनके फर्जीवाड़ों का खुलासा करती हैं|date=2017-11-30|website=Firstpost Hindi|access-date=2019-06-07}}</ref><ref name=":1">{{Cite web|url=https://www.thelallantop.com/tehkhana/everything-about-rajiv-dixit-his-nationalism-and-claims-about-amitabh-bachchan-and-jawaharlal-nehru/|title=रामदेव के साथ काम करने वाले राजीव दीक्षित की कहानी, जिनकी मौत को लोग रहस्यमय मानते हैं|website=LallanTop|language=hi|access-date=2019-06-07}}</ref><ref name=":2">{{Cite web|url=https://hindi.firstpost.com/india/lies-of-rajiv-dixit-part-2-rajiv-dixit-propaganda-on-jawahar-lal-nehru-rajiv-dixit-facts-rajiv-dixit-videos-tk-70209.html|title=राजीव दीक्षित (पार्ट-2): जिसने भारत में शुरू किया फेक न्यूज और पोस्ट ट्रुथ का दौर|date=2017-11-30|website=Firstpost Hindi|access-date=2019-06-07}}</ref> | '''Rajiv Dixit''' (1967—2010) was an ]n ], conspiracy theorist and public speaker.<ref name=":0">{{Cite web|url=https://hindi.firstpost.com/india/lies-of-rajiv-dixit-on-rajiv-dixit-birth-and-death-anniversary-here-take-a-look-on-his-claims-on-qualification-tk-70189.html|title=राजीव दीक्षित (पार्ट 1): जिनकी डिग्रियां खुद उनके फर्जीवाड़ों का खुलासा करती हैं|date=2017-11-30|website=Firstpost Hindi|access-date=2019-06-07}}</ref><ref name=":1">{{Cite web|url=https://www.thelallantop.com/tehkhana/everything-about-rajiv-dixit-his-nationalism-and-claims-about-amitabh-bachchan-and-jawaharlal-nehru/|title=रामदेव के साथ काम करने वाले राजीव दीक्षित की कहानी, जिनकी मौत को लोग रहस्यमय मानते हैं|website=LallanTop|language=hi|access-date=2019-06-07}}</ref><ref name=":2">{{Cite web|url=https://hindi.firstpost.com/india/lies-of-rajiv-dixit-part-2-rajiv-dixit-propaganda-on-jawahar-lal-nehru-rajiv-dixit-facts-rajiv-dixit-videos-tk-70209.html|title=राजीव दीक्षित (पार्ट-2): जिसने भारत में शुरू किया फेक न्यूज और पोस्ट ट्रुथ का दौर|date=2017-11-30|website=Firstpost Hindi|access-date=2019-06-07}}</ref> | ||
He founded the Azadi Bachao Andolan (Save Freedom Movement) in the early 1990s as a campaign to protect Indian industries, when multi-national corporations were increasing their presence in India as a part of a trend towards ].<ref name="NIE">{{citation|last=Kumaraswam|first=B. M.|title=Youthful crusader of Swadeshi|date=2 December 2010|url=http://www.newindianexpress.com/states/karnataka/article165743.ece|work=]|location=]}}</ref><ref name="LiveMint">{{citation|author=Priyanka P. Narain|title='And then, there will be a revolution'|date=5 April |
He founded the Azadi Bachao Andolan (Save Freedom Movement) in the early 1990s as a campaign to protect Indian industries, when multi-national corporations were increasing their presence in India as a part of a trend towards ].<ref name="NIE">{{citation|last=Kumaraswam|first=B. M.|title=Youthful crusader of Swadeshi|date=2 December 2010|url=http://www.newindianexpress.com/states/karnataka/article165743.ece|work=]|location=]}}</ref><ref name="LiveMint">{{citation|author=Priyanka P. Narain|title='And then, there will be a revolution'|date=5 April राजीव दीक्षित की मृत्यु अभी भी एक रहस्य है। इसके पीछे मुख्य कारण यह था कि पोस्टमार्टम नहीं किया गया था, और सवाल यह था कि क्यों हुआ। क्या बाबा रामदेव जानते थे कि यह एक प्राकृतिक मौत नहीं थी और वह राजीव दीक्षित की मौत के पीछे की वजह को छिपाना चाहते थे? | ||
एक और सवाल यह था कि राजीव दीक्षित के शव को क्यों पतंजलि में ले जाया गया और सेवाग्राम (राजीव दीक्षित घर) नहीं किया गया, यह वही जगह थी जहाँ से राजीव दीक्षित ने अपने पूरे जीवन के लिए काम किया था। | |||
आजादी बचाओ आंदोलन के पुराने मित्र राजीव दीक्षित ने कहा कि वे सभी राजीव जी की मृत्यु की अगली रात पतंजलि गए थे और उन्होंने देखा कि पूरा शरीर नीला काला था, और फिर वे अपने 9 और दोस्तों के साथ रामदेव कार्यालय गए और बैठ गए। वहां सुबह 5 बजे से ही कहा जा रहा है कि अगर रामदेव हमसे नहीं मिलते हैं तो वे रामदेव को यहां से जाने की अनुमति नहीं देंगे। इसलिए अंत में राम देव ने उन्हें सुबह 7 बजे बुलाया और कहा कि राजीव दीक्षित मेरे (राम देव) के सामने मर गए। उसके बाद जब वे नीचे उतरे और उस हॉल की ओर जाने लगे जहाँ राजीव दीक्षित जी के शरीर को रखा गया था, उन्होंने देखा कि रामदेव की कार उन्हें ओवरटेक कर रही है और वहाँ पहुँच कर उन्होंने एंटीम यात्रा के काम में तेजी लाई और जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एंटीम यात्रा की शुरुआत 1 घंटे पहले हुई थी नियत समय। | |||
क्या रामदेव को डर था कि स्थिति उनके नियंत्रण से परे हो सकती है और पोस्टमार्टम हो सकता है। | |||
राजीव दीक्षित के पोस्टमॉर्टम पर हॉल में रामदेव के साथ एक युवा लड़की ने भी झगड़ा किया, उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं किया जा रहा है और रामदेव ने यह भी कहा कि आप यह मत सोचना कि आप हमेशा सही होते हैं, और आप हर बार सही निर्णय लेते हैं। तब भी पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं कराया गया? रामदेव को नहीं पता था कि वह इस सवाल का सामना करेंगे कि पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं किया गया। | |||
यह भी सुना जा रहा है कि जब एंटीम यात्रा शुरू हुई थी कि रामदेव ने राजीव दीक्षित के किसी करीबी को फोन किया और कहा कि यदि आप पोस्टमार्टम करना चाहते हैं, तो आप इसके लिए जा सकते हैं, लेकिन मैं पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बदल सकता हूं। | |||
अगर राम देव ने राजीव दीक्षित जी की हत्या की। फिर सवाल उठता है कि क्यों? | |||
क्या उन्हें ईर्ष्या थी कि राजीव दीक्षित अधिक प्रसिद्ध हो रहे हैं, और अगर इस तरह से किया जाता है तो लोकप्रियता कम हो जाएगी, इसलिए वह राजीव दीक्षित को रास्ते से हटाना चाहते थे। | |||
कुछ लोगों का कहना है कि राकेश कुमार और जयदीप आर्य (केंद्रीय प्रभु) जो इतने सालों से राम देव के साथ काम कर रहे थे, उन्होंने रामदेव और राजीव दीक्षित के साथ मंच साझा नहीं किया और मंच से बोलना शुरू किया और लोकप्रियता हासिल की, इन सभी चीजों ने एक भावना विकसित की उनकी मानसिकता में जलन थी इसलिए वे राजीव दीक्षित को हटाना चाहते थे। | |||
दिल का दौरा राजीव दीक्षित की मृत्यु के सभी कारणों में से नहीं था; राजीव दीक्षित को धीमा जहर दिया गया। | |||
लेकिन आखिरी सवाल आपके दिमाग में होना चाहिए कि प्रदीप दीक्षित क्यों नहीं बोले, क्यों चुप रहे।|url=http://www.livemint.com/Politics/BtLE0nBloRrgvQuW9rD6XJ/8216And-then-there-will-be-a-revolution8217.html|publisher=]}}</ref><ref name="ast">{{citation|title=A price too high for Indian farmers|date=29 June 2004|url=http://www.atimes.com/atimes/South_Asia/FF29Df02.html|author=Raju Bist|newspaper=]|location=]}}</ref> An aide to ], he also served as the national secretary to Ramdev's anti-corruption organisation, Bharat Swabhiman Andolan.<ref name="Telegraph">{{cite news |last1=Kidwai |first1=Rasheed |title=Baba's 'plan' that went bust |url=https://www.telegraphindia.com/1160620/jsp/nation/story_92222.jsp |accessdate=19 August 2018 |work=] |date=19 June 2016}}</ref> Dixit demanded decentralisation of the ], saying that the existing system was the core reason for bureaucratic corruption. He claimed that 80 per cent of tax revenue was used to pay politicians and bureaucrats. He compared the budget system of the Indian government to the earlier British budget system in India, presenting statistics which he claimed showed that they were the same.<ref name="tim">{{citation|title=Decentralise taxes, says Azadi Bachao Andolan supporter|date=9 March 2003|url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2003-03-09/bangalore/27261142_1_taxes-crore-budget-system|newspaper=]}}</ref> | |||
His claimed academic credentials were found to be fraudulent<ref name=":1" /><ref name=":2" /> and he has been documented to have generated fake news.<ref>{{Cite web|url=https://www.boomlive.in/patanjali-md-deletes-6-year-old-tweet-alleging-jawaharlal-nehru-died-of-aids/|title=Patanjali MD Deletes 6-Year Old Tweet Alleging Nehru Died Of AIDS {{!}} BOOM|last=Niranjankumar|first=Nivedita|date=2018-11-14|website=boomlive.in|access-date=2019-11-08}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.outlookindia.com/website/story/go-mutra-is-no-longer-a-joke/297290|title=Go-Mutra Is No Longer A Joke|last=Sengupta|first=Uttam|date=17 October 2016|website=Outlook India|url-status=live|archive-url=|archive-date=|access-date=2019-11-08}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://www.inuth.com/india/from-being-a-muslim-to-stories-around-his-relationships-7-bizarre-conspiracies-around-jawaharlal-nehru/|title=From Being A Muslim To Having Multiple Affairs, 7 Conspiracy Theories Around Jawaharlal राजीव दीक्षित की मृत्यु अभी भी एक रहस्य है। इसके पीछे मुख्य कारण यह था कि पोस्टमार्टम नहीं किया गया था, और सवाल यह था कि क्यों हुआ। क्या बाबा रामदेव जानते थे कि यह एक प्राकृतिक मौत नहीं थी और वह राजीव दीक्षित की मौत के पीछे की वजह को छिपाना चाहते थे? | His claimed academic credentials were found to be fraudulent<ref name=":1" /><ref name=":2" /> and he has been documented to have generated fake news.<ref>{{Cite web|url=https://www.boomlive.in/patanjali-md-deletes-6-year-old-tweet-alleging-jawaharlal-nehru-died-of-aids/|title=Patanjali MD Deletes 6-Year Old Tweet Alleging Nehru Died Of AIDS {{!}} BOOM|last=Niranjankumar|first=Nivedita|date=2018-11-14|website=boomlive.in|access-date=2019-11-08}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.outlookindia.com/website/story/go-mutra-is-no-longer-a-joke/297290|title=Go-Mutra Is No Longer A Joke|last=Sengupta|first=Uttam|date=17 October 2016|website=Outlook India|url-status=live|archive-url=|archive-date=|access-date=2019-11-08}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://www.inuth.com/india/from-being-a-muslim-to-stories-around-his-relationships-7-bizarre-conspiracies-around-jawaharlal-nehru/|title=From Being A Muslim To Having Multiple Affairs, 7 Conspiracy Theories Around Jawaharlal राजीव दीक्षित की मृत्यु अभी भी एक रहस्य है। इसके पीछे मुख्य कारण यह था कि पोस्टमार्टम नहीं किया गया था, और सवाल यह था कि क्यों हुआ। क्या बाबा रामदेव जानते थे कि यह एक प्राकृतिक मौत नहीं थी और वह राजीव दीक्षित की मौत के पीछे की वजह को छिपाना चाहते थे? |
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Rajiv Dixit | |
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Born | 30 November 1967 Allahabad, India |
Died | 30 November 2010(2010-11-30) (aged 43) Bhilai, Chhattisgarh, India |
Nationality | Indian |
Education | M.Tech |
Rajiv Dixit (1967—2010) was an Indian social activist, conspiracy theorist and public speaker.
He founded the Azadi Bachao Andolan (Save Freedom Movement) in the early 1990s as a campaign to protect Indian industries, when multi-national corporations were increasing their presence in India as a part of a trend towards globalisation. An aide to Ramdev, he also served as the national secretary to Ramdev's anti-corruption organisation, Bharat Swabhiman Andolan. Dixit demanded decentralisation of the taxation system, saying that the existing system was the core reason for bureaucratic corruption. He claimed that 80 per cent of tax revenue was used to pay politicians and bureaucrats. He compared the budget system of the Indian government to the earlier British budget system in India, presenting statistics which he claimed showed that they were the same.
His claimed academic credentials were found to be fraudulent and he has been documented to have generated fake news. He died after suffering a severe heart attack on 30 November 2010 while in Bhilai, Chhattisgarh. However, his death is a subject of controversy as many of his followers accuse Swami Ramdev and followers of conspiracy.
References
- ^ Kidwai, Rasheed (19 June 2016). "Baba's 'plan' that went bust". The Telegraph. Retrieved 19 August 2018.
- "राजीव दीक्षित (पार्ट 1): जिनकी डिग्रियां खुद उनके फर्जीवाड़ों का खुलासा करती हैं". Firstpost Hindi. 30 November 2017. Retrieved 7 June 2019.
- ^ "रामदेव के साथ काम करने वाले राजीव दीक्षित की कहानी, जिनकी मौत को लोग रहस्यमय मानते हैं". LallanTop (in Hindi). Retrieved 7 June 2019.
- ^ "राजीव दीक्षित (पार्ट-2): जिसने भारत में शुरू किया फेक न्यूज और पोस्ट ट्रुथ का दौर". Firstpost Hindi. 30 November 2017. Retrieved 7 June 2019.
- ^ Kumaraswam, B. M. (2 December 2010), "Youthful crusader of Swadeshi", The New Indian Express, Shimoga
- Priyanka P. Narain (5 April राजीव दीक्षित की मृत्यु अभी भी एक रहस्य है। इसके पीछे मुख्य कारण यह था कि पोस्टमार्टम नहीं किया गया था, और सवाल यह था कि क्यों हुआ। क्या बाबा रामदेव जानते थे कि यह एक प्राकृतिक मौत नहीं थी और वह राजीव दीक्षित की मौत के पीछे की वजह को छिपाना चाहते थे?
एक और सवाल यह था कि राजीव दीक्षित के शव को क्यों पतंजलि में ले जाया गया और सेवाग्राम (राजीव दीक्षित घर) नहीं किया गया, यह वही जगह थी जहाँ से राजीव दीक्षित ने अपने पूरे जीवन के लिए काम किया था।
आजादी बचाओ आंदोलन के पुराने मित्र राजीव दीक्षित ने कहा कि वे सभी राजीव जी की मृत्यु की अगली रात पतंजलि गए थे और उन्होंने देखा कि पूरा शरीर नीला काला था, और फिर वे अपने 9 और दोस्तों के साथ रामदेव कार्यालय गए और बैठ गए। वहां सुबह 5 बजे से ही कहा जा रहा है कि अगर रामदेव हमसे नहीं मिलते हैं तो वे रामदेव को यहां से जाने की अनुमति नहीं देंगे। इसलिए अंत में राम देव ने उन्हें सुबह 7 बजे बुलाया और कहा कि राजीव दीक्षित मेरे (राम देव) के सामने मर गए। उसके बाद जब वे नीचे उतरे और उस हॉल की ओर जाने लगे जहाँ राजीव दीक्षित जी के शरीर को रखा गया था, उन्होंने देखा कि रामदेव की कार उन्हें ओवरटेक कर रही है और वहाँ पहुँच कर उन्होंने एंटीम यात्रा के काम में तेजी लाई और जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एंटीम यात्रा की शुरुआत 1 घंटे पहले हुई थी नियत समय।
क्या रामदेव को डर था कि स्थिति उनके नियंत्रण से परे हो सकती है और पोस्टमार्टम हो सकता है।
राजीव दीक्षित के पोस्टमॉर्टम पर हॉल में रामदेव के साथ एक युवा लड़की ने भी झगड़ा किया, उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं किया जा रहा है और रामदेव ने यह भी कहा कि आप यह मत सोचना कि आप हमेशा सही होते हैं, और आप हर बार सही निर्णय लेते हैं। तब भी पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं कराया गया? रामदेव को नहीं पता था कि वह इस सवाल का सामना करेंगे कि पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं किया गया।
यह भी सुना जा रहा है कि जब एंटीम यात्रा शुरू हुई थी कि रामदेव ने राजीव दीक्षित के किसी करीबी को फोन किया और कहा कि यदि आप पोस्टमार्टम करना चाहते हैं, तो आप इसके लिए जा सकते हैं, लेकिन मैं पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बदल सकता हूं।
अगर राम देव ने राजीव दीक्षित जी की हत्या की। फिर सवाल उठता है कि क्यों?
क्या उन्हें ईर्ष्या थी कि राजीव दीक्षित अधिक प्रसिद्ध हो रहे हैं, और अगर इस तरह से किया जाता है तो लोकप्रियता कम हो जाएगी, इसलिए वह राजीव दीक्षित को रास्ते से हटाना चाहते थे।
कुछ लोगों का कहना है कि राकेश कुमार और जयदीप आर्य (केंद्रीय प्रभु) जो इतने सालों से राम देव के साथ काम कर रहे थे, उन्होंने रामदेव और राजीव दीक्षित के साथ मंच साझा नहीं किया और मंच से बोलना शुरू किया और लोकप्रियता हासिल की, इन सभी चीजों ने एक भावना विकसित की उनकी मानसिकता में जलन थी इसलिए वे राजीव दीक्षित को हटाना चाहते थे।
दिल का दौरा राजीव दीक्षित की मृत्यु के सभी कारणों में से नहीं था; राजीव दीक्षित को धीमा जहर दिया गया।
लेकिन आखिरी सवाल आपके दिमाग में होना चाहिए कि प्रदीप दीक्षित क्यों नहीं बोले, क्यों चुप रहे।), 'And then, there will be a revolution', Mint
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at position 259 (help) - Raju Bist (29 June 2004), "A price too high for Indian farmers", Asia Times, Mumbai
- "Decentralise taxes, says Azadi Bachao Andolan supporter", The Times of India, 9 March 2003
- Niranjankumar, Nivedita (14 November 2018). "Patanjali MD Deletes 6-Year Old Tweet Alleging Nehru Died Of AIDS | BOOM". boomlive.in. Retrieved 8 November 2019.
- Sengupta, Uttam (17 October 2016). "Go-Mutra Is No Longer A Joke". Outlook India. Retrieved 8 November 2019.
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at position 339 (help) - https://m.economictimes.com/news/politics-and-nation/ramdev-alleges-conspiracy-to-link-him-to-death-of-an-associate/articleshow/16324989.cms
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